सालों लग जाते हैं, रिश्ते निभाने और संभालने को, एक ही गलती काफी है, खुशहाल परिवार उजाड़ने को। सालों लग जाते हैं, रिश्ते निभाने और संभालने को, एक ही गलती काफी है, खुशहाल ...
अपना पराया भेद भुला के हर पल को खुशहाल बना के एक ही धागा में माला की तरह अपना पराया भेद भुला के हर पल को खुशहाल बना के एक ही धागा में माला की तरह
बदलेगी क्या इस उम्र में मेरी चालढ़ाल ? उफ क्यूँ फिर आ गया ये नया साल ! बदलेगी क्या इस उम्र में मेरी चालढ़ाल ? उफ क्यूँ फिर आ गया ये नया साल !
ईश्वर ने ही बनाया है प्रेम को इसकी महिमा अपरंपार है ! ईश्वर ने ही बनाया है प्रेम को इसकी महिमा अपरंपार है !
बर्बादी हुई मेरी, तो याद आएगी तुझे। बर्बादी हुई मेरी, तो याद आएगी तुझे।
वह तो वक्त पर बदल भी सकता है। वह तो वक्त पर बदल भी सकता है।